No Plastic Cup

प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें

एक 36 वर्षीय भाई को केन्सर हुआ था जो लास्ट स्टेज पर था! अपनी अब तक की उम्र में इन्होने ना तो कभी गुटका, ना ही सिगरेट और नही पान व शराब का सेवन किया था, समय पर काम पर जाना, परिवार के साथ खुश रहना, उसका जीवन था, ना कोई बीमारी थी ना ही कोई चिन्ता!
सिर्फ 2/3 दिन से पेट में दर्द शुरू होने के कारण डॉ. से सम्पर्क कर इलाज शुरू किया, परन्तु कोई फायदा ना होने के कारण बड़े डॉ. से मिले, वहां के डॉ. ने उनकी सभी रिपोर्ट निकलवाई तो पता चला कि पेट के आंतड़ियों में केन्सर हुआ है!

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Positive Thought

एक राजा के पास कई हाथी थे, लेकिन एक हाथी बहुत शक्तिशाली था, बहुत आज्ञाकारी, समझदार व युद्ध-कौशल में निपुण था। बहुत से युद्धों में वह भेजा गया था और वह राजा को विजय दिलाकर वापस लौटा था, इसलिए वह महाराज का सबसे प्रिय हाथी था।

समय गुजरता गया … और एक समय ऐसा भी आया, जब वह वृद्ध दिखने लगा। अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर पाता था। इसलिए अब राजा उसे युद्ध क्षेत्र में भी नहीं भेजते थे। एक दिन वह सरोवर में जल पीने के लिए गया, लेकिन वहीं कीचड़ में उसका पैर धँस गया और फिर धँसता ही चला गया। उस हाथी ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह उस कीचड़ से स्वयं को नहीं निकाल पाया। उसकी चिंघाड़ने की आवाज से लोगों को यह पता चल गया कि वह हाथी संकट में है।

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Shanidev Vrat Katha

शनिदेव व्रत कथा

एक समय में स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न पर नौ ग्रहों में वाद-विवाद हो गया। निर्णय के लिए सभी देवता देवराज इन्द्र के पास पहुंचे और बोले- हे देवराज, आपको निर्णय करना होगा कि हममें से सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न सुन इन्द्र उलझन में पड़ गए, फिर उन्होंने सभी को पृथ्वीलोक में राजा विक्रमादित्य के पास चलने का सुझाव दिया।

सभी ग्रह भू-लोक राजा विक्रमादित्य के दरबार में पहुंचे। जब ग्रहों ने अपना प्रश्न राजा विक्रमादित्य से पूछा तो वह भी कुछ देर के लिए परेशान हो उठे क्योंकि सभी ग्रह अपनी-अपनी शक्तियों के कारण महान थे। किसी को भी छोटा या बड़ा कह देने से उनके क्रोध के प्रकोप से भयंकर हानि पहुंच सकती थी।

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Chuha aur Tapaswi – Hindi Story

एक चूहा था। किसी तपस्वी की कुटी में रहता था। बिल्ली उधर से निकलती तो चूहा डर से काँपने लगता। महात्मा ने उससे भयातुरता का कारण और निवारण पूछा। चूहे ने कहा- बिल्ली का भय सताता है। मुझे बिल्ली बना दीजिए ताकि निर्भय रह सकूँ।

तपस्वी ने वैसा ही किया। चूहा बिल्ली बन गया और सिर उठा कर उस क्षेत्र में विचरण करने लगा।

कुत्तों ने उसे देख पाया तो खदेड़ने लगे। बिल्ली पर फिर संकट छाया और फिर से तपस्वी से अनुरोध किया- इस बार भी संकट से छुड़ाएं और कुत्ता बना दें।

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Prem

एक बार संत राबिया एक धार्मिक पुस्तक पढ़ रही थीं। पुस्तक में एक जगह लिखा था,
“शैतान से घृणा करो, प्रेम से नहीं।” राबिया ने वह लाइन काट दी।
कुछ दिन बाद उनसे मिलने एक संत आए। वह उस पुस्तक को पढ़ने लगे। उन्होंने कटा हुआ वाक्य देख कर सोचा कि किसी नासमझ ने उसे काटा होगा। उसे धर्म का ज्ञान नहीं होगा।
उन्होंने राबिया को वह पंक्ति दिखा कर कहा- “जिसने यह पंक्ति काटी है वह जरूर नास्तिक होगा।” Continue reading

Tulsi Mahima – Hindi Story

तुलसी माला की महिमा

 

राजस्थान में जयपुर के पास एक इलाका है – लदाणा। पहले वह एक छोटी सी रियासत थी। उसका राजा एक बार शाम के समय बैठा हुआ था। उसका एक मुसलमान नौकर किसी काम से वहाँ आया। राजा की दृष्टि अचानक उसके गले में पड़ी तुलसी की माला पर गयी। राजा ने चकित होकर पूछाः

“क्या बात है, क्या तू हिन्दू बन गया है ?”

“नहीं, हिन्दू नहीं बना हूँ।”

“तो फिर तुलसी की माला क्यों डाल रखी है ?”

“राजासाहब ! तुलसी की माला की बड़ी महिमा है।”

“क्या महिमा है ?”

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Feeling of Revenge : Hindi Story

प्राचीन काल की बात है, रुरु नामक एक मुनि-पुत्र था| एक बार वह घूमता हुआ स्थूलकेशा ऋषि के आश्रम में पहुंचा| वहां एक सुंदर युवती को देख वह उस पर आसक्त हो गया|
रुरु को उस अद्भुत सुंदर युवती के विषय में ज्ञात हुआ कि वह किसी विद्याधर की मेनका अप्सरा से उत्पन्न पुत्री थी| अप्सराओं की संतान का पालन-पोषण भी कोयलों के समान अन्य माता-पिताओं द्वारा होता है| इसी प्रकार प्रमद्वरा नाम की मेनका की उस पुत्री का पालन-पोषण भी स्थूलकेशा ऋषि ने किया था| उन्होंने ही उसका नाम भी प्रमद्वरा रखा था|
प्रमद्वरा पर आसक्त रुरु स्वयं को न रोक सका और स्थूलकेशा ऋषि के पास जाकर उस कन्या की मांग कर दी| पर्याप्त सोचने और विचारने के बाद ऋषि इसके लिए सहमत हो गए| दोनों का विवाह होना निश्चित हो गया, किंतु विवाह की तिथि समीप आने पर प्रमद्वरा को एक सर्प ने डस लिया|

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